बटुक भैरव शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की रक्षा करते हैं।
बटुक भैरव अनुष्ठान
बटुक भैरव ऐसे देवता हैं जो शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों को बड़े से बड़े संकट से उबारते हैं और उन्हें भयमुक्त जीवन प्रदान करते हैं। इनकी साधना से शत्रु बाधा, तांत्रिक प्रभाव, आपदा और ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है। बटुक भैरव के अनुष्ठान से साधक की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और आत्मबल की वृद्धि होती है। यह अनुष्ठान विशेष रूप से रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य, ग्रहण काल, दुर्गाष्टमी और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ मुहूर्तों में करना श्रेष्ठ माना गया है। इसे रात्रि के समय सम्पन्न करना विशेष फलदायक होता है। राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से राहत पाने के लिए भी इनकी पूजा अत्यंत प्रभावशाली है। बटुक भैरव साधना साधक को निर्भय बनाती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
